अमरीका में इ
सी साल नवंबर के महीने में राष्ट्रपति पदके लिए चुनाव होने हैं. राष्ट्रपति चुनाव के लिए जैसे-जैसे
तारीख़ क़रीब आ रही है, सरगर्मी बढ़ती ही जा रही है. अमरीकी चुनाव के लिहाज़ से मंगलवार का दिन बहुत महत्वपूर्ण रहा.
राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए अपने अभियान पर लाखों ख़र्च करने के बाद माइकल ब्लूमबर्ग ने ख़ुद को रेस से बाहर कर लिया है.
उन्होंने एक बयान में कहा, "तीन म
हीने पहले मैंने मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हराने के लिए इस रेस में हिस्सा लिया था लेकिन आज मैं इस दौड़ को छोड़ रहा हूं."
न्यूयॉर्क के पूर्व मेयर रह चुके मा
इकल ब्लूमबर्ग ने अपने इस अभियान में क़रीब 40.9 करोड़ डॉलर ख़र्च किये. उन्होंने घोषणा की कि अब वह पूर्व उप-राष्ट्रपति जो बाइडन को समर्थन देंगे.
ब्लूमबर्ग ने कहा, "मैं हमेशा से य
ह मानता रहा हूं कि डोनाल्ड ट्रंप को हराने के लिए उस कैंडिडेट के पीछे खड़े होना सबसे ज़रूरी है जो इसे वाक़ई कर सकता है. कल के वोट के आधार पर यह स्पष्ट हो गया कि वह कैंडिडेट कोई और नहीं बल्कि मेरे दोस्त
और एक बेहतरीन अमरीकी जो बाइडन हैं."
दिल्ली हिंसा: 531 केस हुए रजिस्टर, 1,600 से अधिक हिरासत में
दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में अभी तक 5
31 केस रजिस्टर किए जा चुके हैं जिसमें से 47 केस आर्म्स एक्ट के तहत रजिस्टर किए गए हैं. इसके साथ ही 1,647 लोगों को हिरासत में लिया गया है.
बुधवार को कांग्रेस नेताओं का एक दल हिंसा प्रभावित इलाक़ों का जायज़ा लेने पहुंचा.
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मु
ताबिक़, सुरक्षा कारणों की वजह से और पुलिस की सलाह मानते हुए कांग्रेस नेताओं का यह दल बृजपुरी नाले से आगे नहीं बढ़ पाया.
दिल्ली हिंसा में मारे जाने वालों का आंकड़ा अब 40 के पार पहुंच चुका है. वहीं दो सौ से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हैं.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इससे पूर्व दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाक़े में
हुई हिंसा को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठाए थे लेकिन जब वो बुधवार को पीड़ितों से मिलने और हिंसा प्रभावित इलाक़ों का दौरा करने पहुंचे तो मध्य प्रदेश से बीजेपी नेता रमेश बिधु
ड़ी ने उन पर लापरवाही का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, "मैं राहुल गांधी से पूछना चाहूंगा कि वो सिर्फ़ छह दिन पहले ही इटली से लौटे हैं क्या आपने एयरपोर्ट पर अपनी
स्क्रीनिंग करवाई? क्या आपने कोई सावधानी बरती या आप इसे (कोरोना वायरस) फैलाना चाहते हैं."
वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने देश
की भलाई के लिए महिलाओं को छह बच्चे पैदा करने का आग्रह किया है.
ए
क टीवी कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि महिलाओं को बच्चे पैदा करना जारी रखना चाहिए.
वर्तमान में वेनेज़ुएला गंभीर आर्थिक संकट से जूझ
रहा है और देश में खाद्यान्न की भारी कमी है. यूनिसेफ़ के अनुसार साल 2013
से साल 2018 के बीच देश के कुल बच्चों में से 13 फ़ीसदी बच्चे कुपोषित पाए गए थे.
उन्होंने इस टीवी कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि हर म
हिला के कम से कम छह बच्चे होने चाहिए. उन्होंने कहा, ईश्वर आपको अपना आशीर्वाद दे और
आप छह लड़कों और लड़कियों को पैदा करें.
वहीं विपक्ष के नेता ख़ुआन गोइदो के समर्थकों की ओर से
मादुरो के इस बयान पर नाराज़गी जताई गई है. उनके एक समर्थक ने कहा, "अस्पताल काम नहीं कर रहे हैं.
इंजेक्शन्स की कमी है. महिलाएं अपने बच्चों को अपना दूध नहीं पिला
सकतीं क्योंकि वो ख़ुद कुपोषित हैं और बाहर से बेबी फूड ख़रीद पाना उनके लिए मुश्किल है."
उन्होंने कहा, "
मादुरो और उनके समर्थक जो ऐसा कहते हैं, यह पूरी तरह उनकी मानसिक अनभिज्ञता को दिखाता है."
अमरीका ने बुधवार को अफ़ग़ानिस्तान
में तालिबान के लड़ाकों पर हवाई हमले किए हैं. यह पहला मौक़ा है जब अमरीका ने दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते के बाद कोई हमला किया है.
अमरीकी सेना के एक प्रवक्ता ने दक्षिणी हेलमंत प्रांत में हुए इस हवाई हमले की पुष्टि की है. हमला अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप और तालिबान के मुख्य वार्ताकार मुल्ला
बरादर अखुंद की मंगलवार को फ़ोन पर हुई बातचीत के कुछ घंटों बाद ही हुआ.
यह पहला मौक़ा था जब दोनों
पक्षों की ओर से फ़ोन पर हुई बातचीत की पुष्टि हुई थी.
तालिबानी लड़ाके एक चौ
की पर लगातार हमले कर रहे थे. अफ़ग़ानिस्तान में अमरीकी सेना के प्रवक्ता कर्नल सॉनी लेगेट के मुताबिक़, यह एक सुरक्षात्मक एयर स्ट्राइक थी.
उन्होंने कहा कि अमरीका शांति के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन अगर
ज़रूरत पड़ी तो वह अफ़गानी सुरक्षा बलों का बचाव भी करेगा.
कोरोना वायरस के लिए विश्व बैंक ने दी 12 अरब डॉलर की मदद
विश्व बैंक ने कोरोना वायरस के संक्रमण से जूझ रहे दे
शों की मदद के लिए 12 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है.
विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मैलपास ने क
हा कि इसका उद्देश्य जरूरमंद और कोरोना वायरस के संक्रमण से जूझ रहे देशों को जल्दी और
असरदार तरीके़े से मदद उपलब्ध कराना है.
इस मदद से विश्व के सबसे ग़रीब देशों को धन उपलब्ध कराने का लक्ष्य है. ताकि वहां विशेषज्ञता और नीतिगत परामर्श सहित चिकित्सा उपकरण
और स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करायी जा सकें.